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Posted by bhomsingh on 2024-12-17 13:55:23 | Last Updated by bhomsingh on 2025-06-21 14:41:19
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मेरी सुबह
मैं आज सुबह से मिला, तो मन ख़ुश हो गया।
मैंने सुबह को अपनी बाहें फलाकर
नमस्कार किया,
तो सुबह ने भी, मेरे जीवन में खुशी का संचार किया।
वो पंछियों की चहचाने का मधुर संगीत ने,
वो सुबह के उगते सूर्य की लालिमा ने ,
मेरे जीवन को संगीतमय, और खुशी के रंगों से भर दिया।
मैं आज सुबह से मिला, तो मन ख़ुश हो गया।
मैंने सुबह को अपनी बाहें फलाकर
नमस्कार किया।
पेड़ो के पत्ते पर बैठी वो ओस की बूंदे
की चमक,
हीरे मोती की चमक को भी परास्त कर रहीं
थी।
वो सुबह का मनमोहक दृश्य देखकर मन
प्रफुल्लित हो गया,
जब पनिहारन अपने घड़े मे नीर भर रही
थी।
मैं आज सुबह से मिला, तो मन ख़ुश हो गया।
मैंने सुबह को अपनी बाहें फलाकर
नमस्कार किया।
सुबह, वो मंदिर के घंटी की आवाज जैसे मेरे
कानो में पड़ी,
मैंने उस परमात्मा को दिल से नमन किया,
ऐसा लगा मुझे की,
मैने खुद से ही खुद का साक्षात्कार
किया।।
मैं आज सुबह से मिला, तो मन ख़ुश हो गया।
मैंने सुबह को अपनी बाहें फलाकर
नमस्कार किया।
तो सुबह ने भी, मेरे जीवन में खुशी का संचार किया।
Bhom Singh