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Posted by bhomsingh on 2025-01-05 05:41:33 |
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कभी ये लगता
है,
कि वो मेरी
है मेरे लिए ।
कभी ये लगता है,
कि कुछ नही तेरे लिए,
उल्झा हूं मैं, इस कश्मकश मैं,
कि क्या करू किस लिए।।
BHOM
SINGH