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Posted by bhomsingh on 2025-01-06 12:42:03 |
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संघर्ष
बस तू संघर्ष कर, उसी मे तेरी शान हे ।
बिना संघर्ष के जीना, तेरा अपमान हे ।।
साथ ना देगा तेरा ये
जमाना ।
रीत हे जग की कुछ खोकर
पाना,
खो दिया बहुत, अब कुछ करने मे तेरी शान हे,
बिना संघर्ष के जीना, तेरा अपमान हे ।।
मुसीबतें आएगी हर कदम पर
।
बस तुझे लड़ना हे अपने दम
पर,
गिर कर बार बार, अब तुझे छूना आसमान हे,
क्योंकि बिना संघर्ष के
जीना, तेरा अपमान हे ।।
माना की मंज़िल अभी तेरी
दूर हे ।
पर ऐसी ज़िंदगी जीने से
तू क्यो मजबूर हे,
कर कोशिशे
बार बार, उसमे ही तेरा सम्मान हे,
बिना संघर्ष के जीना, तेरा अपमान हे ।।
मिलेगी जो तुझको मंज़िल
तो जानेगा जमाना।
सबकी जुबां पर होगा तेरा
ही फसाना,
बस तू संघर्ष कर, उसी मे तेरी शान हे।
बिना संघर्ष के जीना, तेरा अपमान हे।।
Bhom Singh